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ऐसा साधारण जीवन व्यतीत करती हैं ओलम्पिक सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू
By : Arshad | Updated On : 28 Jul, 2021

मीराबाई चानू आज एक ऐसा नाम हो गया है, जो भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है, मणीपुर राज्य के एक छोटे से गाँव नोंगपेक काकचिंग में जन्मी मीराबाई चानू का जीवन काफी संघर्ष के साथ गुजरा है, बचपन में इन्हें तीरअंदाज बनना था परन्तु बाद में किसी कारण वश इनकी रूचि वेटलिफ्टिंग में हो गयी.
बचपन में अपने बड़े भाई से भी ज्यादा वजन उठाती थीं मीराबाई चानू
अगर हम मीराबाई चानू के जीवन की तरफ नजर डालें तो उनका जीवन बचपन से ही काफी संघर्ष से भरा रहा है, बचपन में पहाड़ों से जलाने वाली लकड़ियाँ बीनकर इनका बचपन बीता 12 वर्ष की उम्र से ही अपने बड़े भाई से ज्यादा वजन की लकड़ियाँ उठाकर उन्होंने बता दिया कि लड़कियां भी किसी से कम नहीं है , शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनना था परन्तु कक्षा 8 में आने पर उनका लक्ष्य बदल गया, आपको बताते चलें कक्षा में 8 की किताबों में मणीपुर की महशूर वेटलिफ्टर कुंजरानी के बारे में ज़िक्र किया गया था, आपको ये भी बता दें कि महशूर वेटलिफ्टर कुंजरानी भारत के वेटलिफ्टिंग इतिहास की सबसे मशहूर महिला हैं. उससे प्रेरणा पाकर चानू ने अपना लक्ष्य बदल दिया. चानू के निजी जीवन में नजर डालें तो इनकी माता का नाम साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा है जो गाँव में ही एक छोटी दुकान चलाती हैं , तथा इनके पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई है जो PWD डिपार्टमेंट इम्फाल में छोटी सी नौकरी करते हैं.
गोल्ड मेडल में तब्दील हो सकता है चानू का सिल्वर मेडल
ओलम्पिक 2021 में गोल्ड मेडल जीतने वाली चीन की महिला हो जजिहू डोपिंग के मामले में फंस गयी हैं , जजिहू ने टोटल 220 KG वजन उठाकर के इन्होनें ओलम्पिक में एक नया रिकॉर्ड बनाया है, आपको ये भी बता दें अगर डोपिंग टेस्ट में जजिहू फेल हो जाती हैं तो मीराबाई चानू को गोल्ड मेडल मिल सकता है. मीराबाई चानू की सिल्वर मेडल जीतने की खबर के बाद से मणीपुर राज्य सरकार ने इन्हें एक करोड़ रुपये नगद तथा एडिशनल SP के पद से नवाजा है इसके साथ ही सरकार ने इन्हें कुछ अलग से भी सरप्राइज प्लान किया गया है .