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मिथेन गैस का उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में मार्स से आने के लिए किया जा सकता है
By : FiveMinute | Updated On : 13 Jan, 2021

अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह से वापस लाने के लिए वहीँ के साधनो से मीथेन गैस को राकेट के ईंधन के रूप में विकसित किया जा चुका है |
मंगल ग्रह पर मानव अभियान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि कैसे अपने अंतरिक्ष यात्रियों को ले जानेए और वापस लाने के लिए पर्याप्त ईंधन ले जाया जा सके | इस मुसीबत से समाधान पाने के लिए NASA का पर्सिवियरेंस रोवर मंगल पर ही कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से ऑक्सीजन बनाने का प्रयोग करने की तैयारी है | NASA के वैज्ञानिकों की मानें तो उन्होंने इस समस्या से निजात पाने का उपाय ढूंढ लिया है | वैज्ञानिकों के प्रयास से ये बताया गया है की मीथेन गैस को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है |
मीथेन गैस यात्रियों को वापस लाने के लिए उपयोगी हो सकता है
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की माने तो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए राकेट के मीथेन गैस को ईंधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं | एसिस्टेंट प्रोफेसर जो फिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी में हैं उन्होंने होउलिन जिन की अगुआई में मीथेन गैस को राकेट के ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए असरदार तरीका खोजा है |
मंगल ग्रह पर ईंधन बनाने की जरूरत क्यों पड़ी |
मंगल ग्रह पृथ्वी से बहुत दूर है, वहां जाकर वहां से आने के लिए बहुत सारी ईंधन को वहां ले जाना पड़ता है, जो काफी दिक्कत वाली बात है| इसीलिए वैज्ञानिको ने यह सोचा है की राकेट को वापस लाने के लिए इसके ईंधन को वहीँ के संसाधनों को उपयोग करके बनाया जाए |
यह तरीका पहले भी इलोन मस्क दे चुके हैं |
मीथेन गैस को राकेट के ईंधन के रूप इस्तेमाल करने का तरीका कोई नया नहीं है, इससे पहले अरबपति और स्पेसएक्स के मालिक इलोन मस्क और उनकी टीम ने मीथेन गैस से ईंधन बनाने का तरीका बता चुके हैं |
इसे बनाना इतना आसान भी नहीं है |
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सांस लेने योग्य ऑक्सीजन को बनाने के लिए इस तकनीक का उपयोग किया जाता है | लेकिन इसी तकनीक को मंगल ग्रह में बना किसी भी चुनौती से कम नहीं है | इस मीथेन गैस को मंगल ग्रह में बनाने के लिए काफी ज्यादा सुविधावो की जरुरत है जिसे हम पृथ्वी से वहां नहीं ले सकते हैं |